कुछ किताबों के बारे में कुछ कहने की ज़रूरत नहीं होती! ऐसी किताबों को लिखने वाले ख़ुद ही करोड़ों लोगों के दिलों में धड़कते हैं! कुछ ऐसा ही है "मेरे बाद" के साथ! ये किताब राहत साहब की सोच और शायरी की गूँज है, जिसे ऑडियो में सुनना ग़ज़ब का तजुर्बा है! इस किताब के साथ ख़ास बात ये भी है कि इसे आवाज़ दी है मशहूर क़िस्सागो हिमांशु बाजपेयी ने! इसे सुनिए भी और दूसरों को सुनाइए भी, क्योंकि राहत इंदौरी जैसा शायर न था और न होगा!
تاريخ الإصدار
دفتر الصوت : 10 ديسمبر 2021
कुछ किताबों के बारे में कुछ कहने की ज़रूरत नहीं होती! ऐसी किताबों को लिखने वाले ख़ुद ही करोड़ों लोगों के दिलों में धड़कते हैं! कुछ ऐसा ही है "मेरे बाद" के साथ! ये किताब राहत साहब की सोच और शायरी की गूँज है, जिसे ऑडियो में सुनना ग़ज़ब का तजुर्बा है! इस किताब के साथ ख़ास बात ये भी है कि इसे आवाज़ दी है मशहूर क़िस्सागो हिमांशु बाजपेयी ने! इसे सुनिए भी और दूसरों को सुनाइए भी, क्योंकि राहत इंदौरी जैसा शायर न था और न होगा!
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دفتر الصوت : 10 ديسمبر 2021
خطوة إلى عالم لا حدود له من القصص
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