शिव ज्योतिर्लिंग की कहानी | Shiv Jyotirlinga (12 Wonderful Stories of 12 Jyotirlinga)Ideabrew Studios
श्लोक 1
ॐ नमस्ते गणपतये ।त्वमेव प्रत्यक्षन् तत्त्वमसि ।त्वमेव केवलङ् कर्ताऽसि ।त्वमेव केवलन् धर्ताऽसि ।त्वमेव केवलम् हर्ताऽसि ।त्वमेव सर्वङ् खल्विदम् ब्रह्मासि ।त्वं साक्षादात्माऽसि नित्यम् ।।
अर्थात:- हे ! गणेशा तुम्हे प्रणाम, तुम ही सजीव प्रत्यक्ष रूप हो, तुम ही कर्म और कर्ता भी तुम ही हो, तुम ही धारण करने वाले, और तुम ही हरण करने वाले संहारी हो | तुम में ही समस्त ब्रह्माण व्याप्त हैं तुम्ही एक पवित्र साक्षी हो |
श्लोक 2
ऋतं वच्मि । सत्यं वच्मि ।।
अर्थात :- ज्ञान कहता हूँ सच्चाई कहता हूँ |
Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
Masuki dunia cerita tanpa batas
Bahasa Indonesia
Indonesia