विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने देशों से रिक्वेस्ट की है कि इस पान्डेमिक को कण्ट्रोल करने के लिए टेस्ट बड़े लेवल पर करें।
साउथ कोरिया में हर रोज 20,000 सैंपल की जांच हो रही है. अमेरिका में भी जांच हो रही है लेकिन धीमी रफ्तार को लेकर आलोचना हो रही है फिर भी वह हर रोज हमसे ज्यादा सैंपल टेस्ट कर रहा है. अमेरिका में सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन के डाटा के मुताबिक़ यूएस में मार्च के महीने में 25,000 सैम्पल्स जमा किए गए, और 4400 कनफर्म्ड केसेस पाए गए हैं. इटली के डिपार्टमेंट ऑफ़ सिविल प्रोटेक्शन के मुताबिक़ 134000 टेस्ट्स हुए हैं, और 28000 कनफर्म्ड केसेस पाए गए. बाक़ी देशों के मुक़ाबले साउथ कोरिया में इस वक़्त हर दिन सबसे ज़्यादा टेस्ट्स हो रहे हैं. कोरिया सेंटर्स फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक मार्च में 274,000 लोगों को टेस्ट किया गया है और 8,300 confirmed cases मिले हैं.
अब भारत के आंकड़ों पर नज़र डालते हैं. अभी तक हमारे देश में 11,500 लोगों को टेस्ट किया जा चुका है. और टेस्टिंग उन्ही लोगों की हो रही है जो प्रभावित देशों से लौट रहे हैं. या उन लोगों की भी हो रही है जो ऐसे लोगों के साथ किसी कांटेक्ट में आए हों.
क्या इन्फेक्टेड केसेस के कम संख्या इस लिए दिख रही है क्यूँकि भारत में हर रोज़ उतने टेस्ट्स नहीं हो रहे जितने होने चाहिए. एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में भी इस महामारी की स्टेज थ्री आएगी, तो क्या इस स्टेज में जाने से बचने के लिए टेस्ट की संख्या बढ़ानी चाहिए? आज बिग स्टोरी पॉडकास्ट में हम इसी पर बात करेंगे. Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
Masuki dunia cerita tanpa batas
Bahasa Indonesia
Indonesia