पॉडकास्ट | प्रवासी मजदूरों पर देर आए लेकिन दुरुस्त नहीं आए

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Episode
179 of 376
Durasi
8menit
Bahasa
Hindi
Format
Kategori
Non Fiksi

लॉकडाउन में देश के कई हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलानी शुरू कर दी हैं, रविवार (3 मई) को भारतीय रेलवे ने विशेष ट्रेन जिन्हें 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' कहा जा रहा है, उनके संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. लेकिन मज़दूरों के लिए राहत की ये खबर ज़्यादा राहत नहीं ला पाई.

केंद्र सरकार की हरी झंडी और राज्यों के बड़े-बड़े दावों के बीच कुछ ऐसी घटनाएं और तस्वीरें सामने आई हैं, जिनसे प्रवासी मजदूरों की मजबूरी देखने को मिल रही है. सवाल ये है कि तमाम व्यवस्थाओं के बाद भी मजदूरों के सीमेंट मिक्सर और प्याज के ट्रकों में छिपकर जाने की जरूरत क्यों पड़ रही है? गुजरात के सूरत में मजदूर सड़कों पर उतरकर आंसू गैस के गोले और लाठियां खाने के लिए क्यों तैयार हैं? लेकिन जिन मजदूरों ने जैसे-तैसे अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया, उनसे भी किराया वसूलने की घटनाएं सामने आ रही हैं. जबकि उनके पास टिकट खरीदने के पैसे भी नहीं बचे हैं.

तो आज पॉडकास्ट में यही समझेंगे कि मज़दूरों को क्या क्या मुश्किलों का सामना करना पढ़ रहा है, कैसे प्रवासी मज़दूरों के लिए घर वापसी देर से हो रही है पर दुरुस्त अब भी नहीं है. Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


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