अविनाश दास को आज बहुत-से लोग उनकी फ़िल्म 'अनारकली ऑफ़ आरा' से जानते हैं. लेकिन मुंबई जाने से पहले और अपनी फ़िल्म बनाने से पहले वे लेखक, पत्रकार और ब्लॉगर रहे हैं. इस बातचीत में अविनाश बता रहे हैं दरभंगा से मुंबई तक की यात्रा के बारे में, जनकवि बाबा नागार्जुन के साथ अपने लम्बे आत्मीय सम्बन्ध के बारे में, अपने पहली और दूसरी वेब सीरीज के बारे में जो 2020 में आ रही हैं [और जिनमें से एक इम्तियाज़ अली ने लिखी है], अपने कविता और उपन्यास लिखने के बारे में और 'अनारकली ऑफ़ आरा' के बारे में. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे? email: support@storytel.in (mailto:support@storytel.in) स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ (https://www.storytel.com/hindi) जाएँ.
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