रेडियो के स्वर्णिम युग से जुड़ा ये नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है बल्कि इनसे बात करते वक़्त असंख्य ऐसे रह्स्योदघाटन हुए कि आज की हमारी पीढ़ी के मुँह से बरबस ही "आह" या "वाह" निकलेगा. मनोहर महाजन ने रेडियो सिलोन और विविध भारती के लिए दशकों तक ऐसे कार्यक्रमों को बनाया और संचालित किया जिन्हें रेडियो सुनने वाले आज भी याद किया करते हैं. शशिकांत सदैव की ओशो रजनीश के जीवन पर लिखी किताब "मैं क्यों आया था" की ऑडियो बुक को अपनी आवाज़ देने वाले मनोहर महाजन बताते हैं कि रजनीश के ओशो बनने से पहले वो एक अध्यापक थे और ये एक बेहद ही सुखद संयोग भी रहा कि मनोहर जी उनके स्टूडेंट. कई हस्तियों के साक्षात्कार करने वाले, कई कार्यक्रमों की आवाज़ और कई कहानियों को रेडियो के दौर में आप तक पहुँचाने वाले मनोहर महाजन किताबों की दुनिया से जुड़े अपने अनुभव बताते हुए बेहद नोस्टैल्जिक होने लगते हैं तो आप भी इस नास्टैल्जिया का हिस्सा बन जाइये. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे? email: support@storytel.in (mailto:support@storytel.in) स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ (https://www.storytel.com/hindi) जाएँ.
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