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4 अगस्त को लेबनान की राजधानी बेरूत में दो ऐसे धमाके हुए, जिनसे पूरा शहर दहल उठा. इस धमाके के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें देखा गया कि ये कितने भयानक थे. करीब 15 मिनट के अंतराल में दो धमाके हुए. पहले धमाके के बाद कई किलोमीटर दूर मौजूद लोग इसका वीडियो बनाने लगे, लेकिन तभी दूसरा बड़ा धमाका हुआ जिसे उन लोगों ने भी महसूस किया जो अपने घरों से इसे कैमरे में कैद कर रहे थे. दूसरे धमाके के बाद धुंएं के एक विशालकाय गुबार ने करीब पूरे इलाके को अपनी जद में ले लिया. इन धमाकों ने बेरूत के पोर्ट को पूरी तरह से तबाह कर दिया. यहां तक कि आसपास बनी बिल्डिंग भी गिर गईं. इस हादसे में करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और हजारों लोग घायल हुए. कई लोग ऐसे भी हैं जो अब तक लापता हैं. इन धमाकों के बाद बेरूत में अफरातफरी का माहौल था. सभी हॉस्पिटल भर चुके थे, जिसे जहां जगह मिली वहीं उसका इलाज शुरू कर दिया गया. लेकिन इस पूरी तबाही के पीछे कोई बारूद नहीं, बल्कि एक केमिकल था. इस केमिकल का नाम है अमोनियम नाइट्रेट, जिसे बेरूत के पोर्ट पर पिछले 6 सालों से रखा हुआ था. भारत में भी पिछले पांच सालों से करीब 740 टन का अमोनियम नाइट्रेट चेन्नई कस्टम वेयर हाउस में रखा हुआ है.
अब बेरूत की तरह क्या भारत को भी इस खतरनाक केमिकल से खतरा हो सकता है? क्या हमें वाकई में परेशान होने की जरूरत है? इन सभी सवालों के जवाब आज इस पॉडकास्ट में जानने की कोशिश करेंगे, साथ ही ये भी बताएंगें कि आखिर ये अमोनियम नाइट्रेट क्या होता है और इसका क्या इस्तेमाल है.
วันที่วางจำหน่าย
หนังสือเสียง : 7 สิงหาคม 2563
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4 अगस्त को लेबनान की राजधानी बेरूत में दो ऐसे धमाके हुए, जिनसे पूरा शहर दहल उठा. इस धमाके के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें देखा गया कि ये कितने भयानक थे. करीब 15 मिनट के अंतराल में दो धमाके हुए. पहले धमाके के बाद कई किलोमीटर दूर मौजूद लोग इसका वीडियो बनाने लगे, लेकिन तभी दूसरा बड़ा धमाका हुआ जिसे उन लोगों ने भी महसूस किया जो अपने घरों से इसे कैमरे में कैद कर रहे थे. दूसरे धमाके के बाद धुंएं के एक विशालकाय गुबार ने करीब पूरे इलाके को अपनी जद में ले लिया. इन धमाकों ने बेरूत के पोर्ट को पूरी तरह से तबाह कर दिया. यहां तक कि आसपास बनी बिल्डिंग भी गिर गईं. इस हादसे में करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और हजारों लोग घायल हुए. कई लोग ऐसे भी हैं जो अब तक लापता हैं. इन धमाकों के बाद बेरूत में अफरातफरी का माहौल था. सभी हॉस्पिटल भर चुके थे, जिसे जहां जगह मिली वहीं उसका इलाज शुरू कर दिया गया. लेकिन इस पूरी तबाही के पीछे कोई बारूद नहीं, बल्कि एक केमिकल था. इस केमिकल का नाम है अमोनियम नाइट्रेट, जिसे बेरूत के पोर्ट पर पिछले 6 सालों से रखा हुआ था. भारत में भी पिछले पांच सालों से करीब 740 टन का अमोनियम नाइट्रेट चेन्नई कस्टम वेयर हाउस में रखा हुआ है.
अब बेरूत की तरह क्या भारत को भी इस खतरनाक केमिकल से खतरा हो सकता है? क्या हमें वाकई में परेशान होने की जरूरत है? इन सभी सवालों के जवाब आज इस पॉडकास्ट में जानने की कोशिश करेंगे, साथ ही ये भी बताएंगें कि आखिर ये अमोनियम नाइट्रेट क्या होता है और इसका क्या इस्तेमाल है.
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