ศาสนา&จิตวิญญาณ
About the book: जो लोग भगवान शिव के मंदिर गए हैं या शिवलिंग की पूजा की है, वे उन पत्तों के बारे में जानते होंगे जो भगवान शिव को चढ़ाए जाते हैं, यह बिल्व वृक्ष का पत्ता, या बेल पत्र कहलाता है।
बिल्व के पत्ते या बेलपत्र बहुत खास होते हैं और भगवान शिव के साथ एक विशेष बंधन साझा करते हैं, पत्तियां त्रिकोणीय होती हैं जो त्रिमूर्ति, ब्रम्हा, विष्णु और महेश का बोध कराती हैं।
बिल्वाष्टकम की रचना जगद गुरु आदि शंकराचार्य जी ने की थी, इसके सुंदर स्तोत्र जो बिल्व पत्तों और इसकी महत्व के बारे में बताता है और साथ ही इसका उपयोग भगवान शिव को चढ़ाने के लिए क्यों किया जाता है इसके बारे में भी मार्गदर्शन करता है।
© 2022 Pencil (อีบุ๊ก ): 9789356100152
วันที่วางจำหน่าย
อีบุ๊ก : 26 มกราคม 2565
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About the book: जो लोग भगवान शिव के मंदिर गए हैं या शिवलिंग की पूजा की है, वे उन पत्तों के बारे में जानते होंगे जो भगवान शिव को चढ़ाए जाते हैं, यह बिल्व वृक्ष का पत्ता, या बेल पत्र कहलाता है।
बिल्व के पत्ते या बेलपत्र बहुत खास होते हैं और भगवान शिव के साथ एक विशेष बंधन साझा करते हैं, पत्तियां त्रिकोणीय होती हैं जो त्रिमूर्ति, ब्रम्हा, विष्णु और महेश का बोध कराती हैं।
बिल्वाष्टकम की रचना जगद गुरु आदि शंकराचार्य जी ने की थी, इसके सुंदर स्तोत्र जो बिल्व पत्तों और इसकी महत्व के बारे में बताता है और साथ ही इसका उपयोग भगवान शिव को चढ़ाने के लिए क्यों किया जाता है इसके बारे में भी मार्गदर्शन करता है।
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