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ศาสนา&จิตวิญญาณ
महाकुंभ मेला: विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक संगम
महाकुंभ मेला: विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक संगम आस्था, परंपरा और उस विशाल मानवीय प्रयास की खोज है जो दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक सम्मेलन को संभव बनाता है। प्राचीन पौराणिक कथाओं में निहित और सदियों से भक्ति द्वारा पोषित, महाकुंभ मेला केवल एक उत्सव नहीं है—यह आध्यात्मिकता और सामूहिक विश्वास की अमर शक्ति का प्रमाण है।
हजारों वर्षों से, यह पवित्र आयोजन भारत की सबसे पवित्र नदियों के तट पर लाखों साधकों, संतों और विद्वानों को आकर्षित करता रहा है, जो आत्मशुद्धि, आत्मज्ञान और मोक्ष की खोज में आते हैं। कुंभ मेले की उत्पत्ति पौराणिक समुद्र मंथन से हुई है—जहाँ देवताओं और असुरों ने अमृत प्राप्त करने के लिए सागर का मंथन किया था। यही दैवीय घटना इस महान परंपरा का आधार बनी, जो आज भी विश्व को मंत्रमुग्ध करती है।
यह पुस्तक गहन शोध के माध्यम से महाकुंभ मेले के ऐतिहासिक विकास, धार्मिक महत्व और उस असाधारण व्यवस्था को उजागर करती है जो करोड़ों लोगों के इस आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न करती है। यह उन भक्तों की कहानियों को प्रस्तुत करती है जो कठिन यात्राएँ तय करके यहाँ आते हैं, संन्यासियों और साधुओं की भूमिका को समझाती है, और इस भव्य परंपरा को आधुनिक दुनिया में संरक्षित करने की चुनौतियों का विश्लेषण करती है।
2025 का महाकुंभ मेला—जो 144 वर्षों के बाद हो रहा है—अद्वितीय आध्यात्मिक महत्व रखता है। यह पुस्तक इस आयोजन की विशेषताओं की गहराई से पड़ताल करती है, जिसमें आस्था, संस्कृति और प्रशासन का संगम शामिल है। इसके माध्यम से यह समझाया गया है कि यह विशाल आयोजन भारत की अर्थव्यवस्था, पर्यटन और वैश्विक प्रतिष्ठा को कैसे प्रभावित करता है।
© 2025 LAE Media (หนังสือเสียง ): 9798318057953
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หนังสือเสียง : 11 มีนาคม 2568
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