4.6
นอนฟิกชั่น
रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित पत्रकार रवीश कुमार की ये किताब पहली बार ऑडियो में आयी है! रवीश ने इस किताब में उन सभी पहलुओं पर बात की है, जो उनके अंदर के नागरिक और पत्रकार से निरंतर संवाद करता रहता है!रवीश कुमार की यह किताब ‘बोलना ही है’ इस बात की पड़ताल करती है कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किस-किस रूप में बाधित हुई है, परस्पर सम्वाद और सार्थक बहस की गुंजाइश कैसे कम हुई है और इससे देश में नफ़रत और असहिष्णुता को कैसे बढ़ावा मिला है। कैसे जनता के चुने हुए प्रतिनिधि, मीडिया और अन्य संस्थान एक मजबूत लोकतंत्र के रूप में हमें विफल कर रहे हैं। इन स्थितियों से उबरने की राह खोजती यह किताब हमारे वर्तमान समय का वह दस्तावेज है जो स्वस्थ लोकतंत्र के हर हिमायती के लिए संग्रहणीय है. हिंदी में आने से पहले ही यह किताब अंग्रेजी, मराठी और कन्नड़ में प्रकाशित हो चुकी है!
© 2021 Storyside IN (หนังสือเสียง ): 9789354345692
ผู้แปล : Ravish Kumar
วันที่วางจำหน่าย
หนังสือเสียง : 15 สิงหาคม 2564
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