नल-दमयंती की मशहूर कहानी हमें सबसे पहले महाभारत में मिलती है. लेकिन सदियों से इस कथा को अनेक लेखकों ने अपनी कल्पना और सृजनात्मकता के साथ अपनी तरह से पेश किया है. इस लिहाज से स्टोरीटेल की ये नल दमयंती कथा सबसे अलग है. इस कहानी में एक दिन अचानक ब्रह्मा, मनुष्य जाति पैदा करना अपनी सबसे बड़ी भूल मान बैठते हैं. वे मनुष्य प्रजाति को नष्ट कर देना चाहते हैं. लेकिन हेमांग नाम का एक दिव्य हंस उन्हें ऐसा करने से रोक देता है. वो ब्रह्मा से कहता है कि मनुष्य जाति उनकी इतनी सुंदर रचना है. वे इसे खत्म न करें. ब्रह्मा मान जाते हैं लेकिन वे हंस को आदेश देते हैं कि “पृथ्वी पर मुझे कम से कम एक पुरुष और एक ऐसी महिला दिखाओ जिनका विश्वास-किस्मत, प्रसिद्धि, सुंदर रूप या शक्ति के खो जाने से भी विचलित नहीं होता हो. मुझे कोई ऐसा व्यक्ति दिखाओ जिसे काली यानी पाप का देवता पराजित न कर सके. तब मैं अपने निर्णय पर फिर से विचार करूंगा." हंस ब्रह्मलोक से पृथ्वी पर आता है और विदर्भ की राजकुमारी दमयंती और निषादराज नल को खोज लेता है. वो इन दोनों के बीच प्रेम-भाव उपजाता है और उन्हें मिलता है. लेकिन तभी से नल-दमयंती की परीक्षा शुरू हो जाती है. इस परीक्षा में स्वर्ग से आए पंच-देव भी शामिल हो जाते हैं. अनेक परीक्षाओं और भीषण तकलीफों से गुजर कर आखिरकार प्रेम की जीत होती है. नल और दमयंती अपना खोया हुआ राज्य हासिल करते हैं और सुखद दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करते हैं. रोचक शैली में पेश की गई यह कथा सुनने वालों को रहस्य, रोमांच और हास्य का अद्भुत आनंद देती है.सुप्रसिद्ध निर्देशक प्रियंका शर्मा के निर्देशन में "नल दमयंती" को आवाज़ दी है उनके रंग समूह Silly Souls के अभिनेताओं ने!
ผู้แปล : Rajeshwar Dyal Vashistha
วันที่วางจำหน่าย
หนังสือเสียง
: 14 มีนาคม 2565
อีบุ๊ก
: 14 มีนาคม 2565
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नल-दमयंती की मशहूर कहानी हमें सबसे पहले महाभारत में मिलती है. लेकिन सदियों से इस कथा को अनेक लेखकों ने अपनी कल्पना और सृजनात्मकता के साथ अपनी तरह से पेश किया है. इस लिहाज से स्टोरीटेल की ये नल दमयंती कथा सबसे अलग है. इस कहानी में एक दिन अचानक ब्रह्मा, मनुष्य जाति पैदा करना अपनी सबसे बड़ी भूल मान बैठते हैं. वे मनुष्य प्रजाति को नष्ट कर देना चाहते हैं. लेकिन हेमांग नाम का एक दिव्य हंस उन्हें ऐसा करने से रोक देता है. वो ब्रह्मा से कहता है कि मनुष्य जाति उनकी इतनी सुंदर रचना है. वे इसे खत्म न करें. ब्रह्मा मान जाते हैं लेकिन वे हंस को आदेश देते हैं कि “पृथ्वी पर मुझे कम से कम एक पुरुष और एक ऐसी महिला दिखाओ जिनका विश्वास-किस्मत, प्रसिद्धि, सुंदर रूप या शक्ति के खो जाने से भी विचलित नहीं होता हो. मुझे कोई ऐसा व्यक्ति दिखाओ जिसे काली यानी पाप का देवता पराजित न कर सके. तब मैं अपने निर्णय पर फिर से विचार करूंगा." हंस ब्रह्मलोक से पृथ्वी पर आता है और विदर्भ की राजकुमारी दमयंती और निषादराज नल को खोज लेता है. वो इन दोनों के बीच प्रेम-भाव उपजाता है और उन्हें मिलता है. लेकिन तभी से नल-दमयंती की परीक्षा शुरू हो जाती है. इस परीक्षा में स्वर्ग से आए पंच-देव भी शामिल हो जाते हैं. अनेक परीक्षाओं और भीषण तकलीफों से गुजर कर आखिरकार प्रेम की जीत होती है. नल और दमयंती अपना खोया हुआ राज्य हासिल करते हैं और सुखद दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करते हैं. रोचक शैली में पेश की गई यह कथा सुनने वालों को रहस्य, रोमांच और हास्य का अद्भुत आनंद देती है.सुप्रसिद्ध निर्देशक प्रियंका शर्मा के निर्देशन में "नल दमयंती" को आवाज़ दी है उनके रंग समूह Silly Souls के अभिनेताओं ने!
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