ก้าวเข้าสู่โลกแห่งเรื่องราวอันไม่มีที่สิ้นสุด
शीशा नहीं ये दिल है- राहुल त्रिशा को मना लेता है, दोनों एक दूसरे को समझ ही रहे थे कि त्रिशा के जीजा जी का एक्सीडेंट होने की वजह से उसको दिल्ली जाना पड़ता है. वहाँ विक्रांत से उसकी दोबारा मुलाक़ात होती है और उनमें दोस्ती हो जाती है. त्रिशा राहुल के बर्थडे पर उसके लिए सरप्राइज प्लान करती है लेकिन कुछ ऐसा हो जाता है जो उनके रिश्ते की नींव हिला कर रख देता है!
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หนังสือเสียง
: 13 เมษายน 2565
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: 13 เมษายน 2565
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