लॉकडाउन के सन्नाटें में क्या सरकार तक पहुँच रही है ग़रीबो की पुकार?

0 การให้คะแนน
0
Episode
151 of 376
ระยะเวลา
14นาที
ภาษา
ภาษาฮินดู
รูปแบบ
หมวดหมู่
นอนฟิกชั่น

कोरोनावायरस से दुनिया में अभी तक 4 लाख से ज़्यादा कनफर्म्ड केसेस हैं और 18000 से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा मौतें इटली में हुई हैं, इटली में मरने वालो का आंकड़ा 7000 के क़रीब पहुंचने वाला है. भारत में अभी तक कनफर्म्ड केसेस 560 के ऊपर पहुंच चुके हैं और मरने वालो की संख्या 9 हो चुकी है. ऐस में लॉकडाउन ही एक ऐसा उपाय है जो आपसी संपर्क को रोक सकता है. पर्सन टू पर्सन कांटेक्ट बिलकुल न हो इसीलिए कई ऑफिसेस 'वर्क फ्रॉम होम' हो चुके हैं

मंगलवार 24 मार्च की रात पीएम मोदी देश के सामने आए और ऐलान कर दिया कि अगले 21 दिन देशभर में पूरी तरह लॉकडाउन रहेगा. लोग तीन हफ्ते तक घर से निकलना क्या होता है ये भूल जाएं. अब लॉकडाउन का पीरियड खत्म होने के बाद ही पता चल पाएगा कि भारत इससे कितना उबर पाता है, लेकिन ये लॉकडाउन सबसे ज्यादा गरीबों पर भारी पड़ने वाला है. दिहाड़ी मजदूरों से लेकर रिक्शा चालकों का दर्द दिखने लगा है.

भारत 90% से ज़्यादा ऐसे लोग हैं जो इनफॉर्मल सेक्टर में काम करते हैं यानी एक दिन भी अगर वो घर पर बैठ जाएं तो उनके चूल्हे नहीं जलते हैं. ऐसे में 21 दिन के लॉकडाउन से उनकी ज़िन्दगियों पर क्या असर पढ़ेगा? इसी पर बात करेंगे आज बिग स्टोरी पॉडकास्ट में. Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices


ฟังและอ่าน

ก้าวเข้าสู่โลกแห่งเรื่องราวอันไม่มีที่สิ้นสุด

  • อ่านและฟังได้มากเท่าที่คุณต้องการ
  • มากกว่า 1 ล้านชื่อ
  • Storytel Originals ผลงานเฉพาะบน Storytel
  • 199บ./ด.
  • ยกเลิกได้ทุกเมื่อ
เริ่ม
Details page - Device banner - 894x1036

พอดแคสต์อื่น ๆ ที่คุณอาจชอบ ...