Phantom PandeyBookMyShow Jukebox
पितामह भीष्म के अनुसार राजा को सभी कार्यों में सरलता और कोमलता का आचरण करना चाहिये, परन्तु नीतिशास्त्र के अनुसार अपनी दुर्बलता, अपनी मंत्रणा और अपने कार्य-कौशल को गुप्त रखने में सरलता का आचरण करना उचित नहीं है।
मृदुर्हि राजा सततं लंघयो भवति सर्वशः।
तीक्ष्णाच्चोद्विजते लोकस्तस्मादुभयमाश्रय।।
जो राजा सदा कोमलता पूर्वक बर्ताव करता है उस की आज्ञा का लोग उल्लंघन कर जाते हैं, और केवल कठिन बर्ताव करने से लोग व्याकुल हो जाते हैं, अतः राजा को आवश्यकतानुसार कठोरता और कोमलता दोनों का आचरण करना चाहिये। Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
Masuki dunia cerita tanpa batas
Bahasa Indonesia
Indonesia