अशोक वाटिका में सीताः हनुमान आखिर लंका पहुंच गए. सोने की अद्भुत नगरी को देखकर वे चकित थे. अब लंका में उन्हें सीता को खोजना था. सीता को खोजते-खोजते हनुमान अशोक वटिका पहुंच गए और एक पेड़ की पत्तियों के बीच छुप गए. उन्होंने देखा कि रावण कैसे राक्षसियों के बीच कैद सीता को डरा और धमका रहा है. इन्हीं राक्षसियों में एक राक्षसी त्रिजटा थी. उसने रात में एक सपना देखा था. एक ऐसा सपना जिसे सुनकर सीता की रक्षा में लगी राक्षसियां डर के मारे थर थर कांपने लगीं. आखिर क्या था त्रिजटा का सपना? हनुमान कैसे मिल पाये सीता से?
วันที่วางจำหน่าย
หนังสือเสียง : 21 เมษายน 2564
अशोक वाटिका में सीताः हनुमान आखिर लंका पहुंच गए. सोने की अद्भुत नगरी को देखकर वे चकित थे. अब लंका में उन्हें सीता को खोजना था. सीता को खोजते-खोजते हनुमान अशोक वटिका पहुंच गए और एक पेड़ की पत्तियों के बीच छुप गए. उन्होंने देखा कि रावण कैसे राक्षसियों के बीच कैद सीता को डरा और धमका रहा है. इन्हीं राक्षसियों में एक राक्षसी त्रिजटा थी. उसने रात में एक सपना देखा था. एक ऐसा सपना जिसे सुनकर सीता की रक्षा में लगी राक्षसियां डर के मारे थर थर कांपने लगीं. आखिर क्या था त्रिजटा का सपना? हनुमान कैसे मिल पाये सीता से?
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