भारत को अब कुल मिलाकर पांच राफेल विमान जिसमें तीन ट्रेनर और दो फाइटर विमान शामिल हैं ये मिल गए हैं. आने वाले सालों में जैसे-जैसे 4.5 पीढ़ी के इस विमान की तादाद बढ़ेगी, भारतीय वायु सेना की क्षमता बढ़ती चली जाएगी. इन विमानों के आने से मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को खरीदने की हमारी दशकों पुरानी प्रक्रिया भी कुछ हद तक एक अंजाम तक पहुंच गई है. मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट खरीदने की जो प्रक्रिया 1990 के आखिरी में शुरू हुई वो कुछ हद तक अब अंजाम तक पहुंच गई है. राफेल के वायु सेना में शामिल होने से हमारी स्थिति रक्षात्मक और प्रतिक्रियात्मक से बदलकर दुश्मन के दुस्साहस को रोकने वाली हो जाएगी. आज के पॉडकास्ट में हम बात करेंगे राफेल विमान पर.
बात करेंगे रिटायर्ड एयर मार्शल एम माथेश्वरन से और उनसे समझेंगे कि इस डील को पूरा होने में इतना लंबा वक्त क्यों लग गया और राफेल का आना किस तरह से अहम है. इसके अलावा बात करेंगे एंबेसडर विष्णू प्रकाश से और उनसे जानेंगे कि कैसे फ्रांस के साथ राफेल की डील में 5 विमानों की डिलेवरी अहम पड़ाव है. राफेल की डिलेवरी के बरक्स भारत फ्रांस के संबंधों को कैसे देखते हैं. Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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