मां हो कर मैं ने अपने बेटों को लाड़ दिया और बेटी को तिरस्कार. बेटों को स्वच्छंदता दी और बेटी को पाबंदियों का पिंजरा. उस के हर अरमान व फैसलों पर कुठाराघात किया. हमारी परवरिश के चलते ही शायद आज वीणा की जिंदगी इस झंझावत में उलझ गई थी.
© 2019 Storyside IN (Audiobook): 9789353641566
Release date
Audiobook: 16 May 2019
मां हो कर मैं ने अपने बेटों को लाड़ दिया और बेटी को तिरस्कार. बेटों को स्वच्छंदता दी और बेटी को पाबंदियों का पिंजरा. उस के हर अरमान व फैसलों पर कुठाराघात किया. हमारी परवरिश के चलते ही शायद आज वीणा की जिंदगी इस झंझावत में उलझ गई थी.
© 2019 Storyside IN (Audiobook): 9789353641566
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Audiobook: 16 May 2019
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