क्या होगा जब कैरियर की चिंता में घुलते हुए लड़के प्रेम की पगडंडियों पर फिसलने लग जाएँ? क्या होगा जब डर के बावजूद वो भानगढ़ के किले में रात गुजारने जाएँ? क्या होगा जब एक अनप्लांड रोड ट्रिप एक डिजास्टर बन जाए? क्या होगा जब लड़कपन क्रिमिनल्स के हत्थे चढ़ जाए? ‘लौंडे शेर होते हैं’ ऐसे पाँच दोस्तों की कहानी है जो कूल ड्यूड नहीं बल्कि सख्त लौंडे हैं। ये उन लोगों की कहानी है जो क्लास से लेकर जिंदगी की हर बेंच पर पीछे ही बैठ पाते हैं। ये उनके प्रेम की नहीं, उनके स्ट्रगल की नहीं, उनके उन एडवेंचर्स की दास्तान है जिनमें वे न चाहते हुए भी अक्सर उलझ जाते हैं। ये किताब आपको आपके लौंडाई के दिनों की याद दिलाएगी। इसका हर पन्ना आपको गुदगुदाते हुए, चिकोटी काटते हुए एक मजेदार जर्नी पर ले जाएगा।
© 2020 Storyside IN (Audiobook): 9789353983222
Release date
Audiobook: 19 June 2020
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क्या होगा जब कैरियर की चिंता में घुलते हुए लड़के प्रेम की पगडंडियों पर फिसलने लग जाएँ? क्या होगा जब डर के बावजूद वो भानगढ़ के किले में रात गुजारने जाएँ? क्या होगा जब एक अनप्लांड रोड ट्रिप एक डिजास्टर बन जाए? क्या होगा जब लड़कपन क्रिमिनल्स के हत्थे चढ़ जाए? ‘लौंडे शेर होते हैं’ ऐसे पाँच दोस्तों की कहानी है जो कूल ड्यूड नहीं बल्कि सख्त लौंडे हैं। ये उन लोगों की कहानी है जो क्लास से लेकर जिंदगी की हर बेंच पर पीछे ही बैठ पाते हैं। ये उनके प्रेम की नहीं, उनके स्ट्रगल की नहीं, उनके उन एडवेंचर्स की दास्तान है जिनमें वे न चाहते हुए भी अक्सर उलझ जाते हैं। ये किताब आपको आपके लौंडाई के दिनों की याद दिलाएगी। इसका हर पन्ना आपको गुदगुदाते हुए, चिकोटी काटते हुए एक मजेदार जर्नी पर ले जाएगा।
© 2020 Storyside IN (Audiobook): 9789353983222
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Showing 6 of 55
Praveen
20 Jun 2020
‘लौंडे शेर होते हैं’ नामक किताब स्टोरीटेल पर सुन ली। वेबसीरीज़ वाली हॉस्टलिया भाषा सुन कर साहित्यप्रेमियों को कुछ अटपटा लग सकता है, लेकिन मुझे सुनते हुए बड़ा नॉस्टैल्जिक लगा। इससे पहले भी ऐसी किताबें पढ़ी है, लेकिन सुनी पहली बार। कथावाचक डेरेक डेन्जेल पूरे मन से टोन बदलते हुए सुना रहे हैं। हरयाणवी, पंजाबी, अवधिया, दिल्लीवाली हर तरह के ऐक्सेंट बदले हैं। सुनाने की गति भी तेज है, किताब की तरह। पसंद आए न आए, कुछ पंक्तियाँ लगा रहा हूँ। किताब में थोड़ा-बहुत अंतर हो सकता है। यह स्मृति के आधार पर है। १. “दिल टूटता है तो टूट जाता है, लेकिन अमीबा टूटता है तो जिंदा रहता है। यह बात तुम आर्ट्स वाले नहीं समझोगे।”२. “छड्ड दे इसे, यह लौंडिया कश्मीर की तरह है। सुंदर बहुत है, लेकिन इसके साथ लफड़े बहुत है।”३. दुकानदार उसकी तरफ ऐसे देख रहा था जैसे उसका नाम मीटू कैम्पेन में आ गया हो।संवाद में यदा-कदा गालियाँ हैं, लेकिन चार घंटे की ऑडियो में शायद दस-पंद्रह। संबोधन रूप में। ऑड नहीं लगता।एक और बात कि ऑडियो-बुक में एक समय कथा-वाचक वहाँ वर्णित गीत गाने भी लगे। बड़े ही मधुर आवाज में। यह किताब को और भी रोचक बनाती है।
shweta
6 May 2024
मजा आ गया😊
Nilesh Shashikant
23 Apr 2021
Nice
Shobhit
11 Mar 2021
Well written and narrated, sun kar mazaa aaya
Shweta
16 Apr 2021
I would like to rate 3.5 to this book.Narration is nice and funny and it doesn’t bore you.Many connected sequences which is a good listen .
Satish
30 Nov 2021
Happy Go Lucky story
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