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मन और बुद्धि के पार - परम बोध यात्रा
"भगवान बुद्ध" यह ऑडियो बुक प्रत्यक्ष सरश्री जी की आवाज में और उसी अवस्था से बताई गई है, जिसे बुद्धत्व कहा जाता है। इसे सुनकर निश्चित ही आप मन और बुद्धि के पार परम बोध की अवस्था का अनुभव करेंगे और जीवन के हर दुःख से मुक्त हो जाएँगे।
जो बुद्धि बोध तक ले जाए वही सम्यक बुद्धि, तेज बुद्धि है। बोध यानी समझ, अण्डरस्टैण्डिंग। इस बोध के बाद ही बुद्धत्व प्राप्त किया जा सकता है। "बुद्ध" कोई नाम या उपनाम नहीं है बल्कि बुद्ध नाम है, उस अवस्था का, जहाँ इंसान यह जान गया है कि "वह कौन है।" इस अवस्था को कोई भी नाम दिया जा सकता है, जैसे- गुरु नानक, मीरा, संत ज्ञानेश्वर, रामकृष्ण परमहंस, रमण महर्षि, एकनाथ, संत तुकाराम इत्यादि लेकिन सभी में अनुभव एक ही है। वह अनुभव प्राप्त करना ही अध्यात्म है, बुद्धत्व है।
भगवान बुद्ध ने लोगों को दुःख का साक्षात्कार करवाया लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें दुःखवादी समझा। बुद्धि का बिना उपयोग किए यदि कोई यह समझ ले तो वह भगवान बुद्ध के उपदेशों से वंचित रह जाएगा, बुद्धि का उच्चतम विकास नहीं कर पाएगा। भगवान बुद्ध ने अपने सम्यक ज्ञान से लोगों की मन:स्थिति देखकर उपदेश बताए। जिन लोगों ने उन्हें ध्यान से सुना, समझा, उन्होंने बुद्ध बोध का पूर्ण लाभ उठाया लेकिन जिन लोगों ने भगवान बुद्ध के केवल शब्द सुनें, वे अपनी मूर्खताओं में लगे रहें। यदि आपने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का असली अर्थ समझ लिया तो यह ऑडियो बुक बोध प्राप्ति के लिए यानी असली सत्य तक पहुँचने के लिए सरल मार्ग बन सकती है।
बोध प्राप्ती की इस यात्रा में आप जानेंगे -
* सिद्धार्थ कब और क्यों गौतम (खोजी) बने
* गौतम की बोध प्राप्ति की यात्रा कैसे सफल बनी
* भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को कौन सी शिक्षाएँ प्रदान कीं
* भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग
* भगवान बुद्ध की दस पारमिताएँ
* भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को कौन से सम्यक व्यायाम बताएँ
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หนังสือเสียง : 26 ธันวาคม 2563
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