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एक है वह ईश्वर, जिसने सारी दुनिया बनाई और एक है वह,
जिसे हम ईश्वर कहते हैं, जिसे सत्नाम कहा जाता है।
गुरु नानक की वाणी से निकला यह महावाक्य ईश्वर की सराहना है और "सदगुरु नानक" यह ऑडियो बुक वास्तव में गुरु नानक की ही सराहना है। सरश्री की गुरुवाणी में उपलब्ध इस ऑडियो बुक में सहज, सुंदर भाषा में गुरु नानक की जीवनी पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने जीवनभर हुकुम के साथ कार्य किया। हुकुम यानी ईश्वर की आज्ञा।
बचपन से ही गुरु नानक देवजी ने जिस "एक ओंकार..." की बात कही, उसका अनुभव वे स्वयं कर रहे थे। अपने जीवन में उन्होंने समस्त मानव जाति को एक पिता परमेश्वर की संतान माना। वे हर एक में उस "एक ओंकार..." यानी सेल्फ, ईश्वर, गॉड, परमेश्वर को ही देख रहे थे। उन्होंने लोगों को जो शिक्षाएँ और उपदेश दिए, सबसे पहले स्वयं में उनका पालन होते हुए देखा। लोगों के सामने अपने जीवन का उदाहरण रखा कि संसार में रहकर भी किस प्रकार ईश्वर की आराधना की जा सकती है। इस तरह सरल, सहज और रोचक भाषा में बनी गुरु नानक देवजी की यह ऑडियो बुक सुनकर निश्चित ही सभी को प्रेरणा मिलेगी।
इस ऑडियो बुक में गुरु नानक देवजी के जीवन की विविध घटनाओं का वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें आप समझेंगे -
* गुरु नानक देवजी के बचपन की अनोखी घटनाएँ
* गुरु नानक देवजी का सांसारिक जीवन
* सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन में समन्वय
* गुरु नानकजी की यात्राएँ
* गुरु गादी के सच्चे हकदार के लिए शिष्यों की अतार्किक परिक्षाएँ
* गुरु नानकजी की प्रमुख सिखावनियाँ
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หนังสือเสียง : 26 ธันวาคม 2563
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