4.4
Non-Fiction
संस्मरणात्मक पुस्तक 'लखनऊ मेरा लखनऊ' में मनोहर श्याम जोशी ने लेखन के लिए प्रेरित करनेवाले के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय में अपने साथ पढ़नेवाले एक मित्र सरदार त्रिलोक सिंह और उनके पहले गुरु अमृतलाल नागरजी का उल्लेख किया है। (C) 2018 Vani Prakashan
© 2018 Storyside IN (Audiobook): 9789352847112
Release date
Audiobook: 25 May 2018
4.4
Non-Fiction
संस्मरणात्मक पुस्तक 'लखनऊ मेरा लखनऊ' में मनोहर श्याम जोशी ने लेखन के लिए प्रेरित करनेवाले के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय में अपने साथ पढ़नेवाले एक मित्र सरदार त्रिलोक सिंह और उनके पहले गुरु अमृतलाल नागरजी का उल्लेख किया है। (C) 2018 Vani Prakashan
© 2018 Storyside IN (Audiobook): 9789352847112
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Audiobook: 25 May 2018
Step into an infinite world of stories
Overall rating based on 28 ratings
Heartwarming
Funny
Boring
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Showing 3 of 28
Dishank
2 Dec 2020
Ok ok
Rakesh
29 Oct 2023
लखनऊ के गली मोहल्लों के इर्द-गिर्द घूमती मनोज श्याम जोशी की असली कहानी, जहां वे लखनऊ के रंग में रंगे, कभी गैनिंग करते थे, कभी कॉफी हाउस में लेखकों और कवियों जैसे भगवती चरण वर्मा, राजेंद्र बिष्ट, यशपाल. अमृतलाल नागर और भगवती चरण वर्मा आदि संपर्क में रहते हुए घंटे बिताते थे. प्रेम कहानी के असफल प्रयोग. उनकी सच्ची घटना कहानी, उनका अल्मोड़ा से लखनऊ का सफ़र, जहां वे वैज्ञानिक वबनने के लिए पहुंचे थे, एसऔर लेखक बन गए. बेहद दिलचस्प है.
Madan
2 Feb 2021
Great satire.
English
India