मैं पाकिस्तान में भारत का जासूस था – मोहनलाल भास्कर जासूसी को लेकर विश्व की विभिन्न भाषाओँ में अनेक सत्यकथाए लिखी गई हैं, जिनमे मोहनलाल भास्कर नामक भारतीय जासूस द्वारा लिखित अपनी इस आपबीती का एक अलग स्थान है ! इसमें 1965 के भारत-पाक युध्ह के दौरान उसके पाकिस्तान-प्रवेश, मित्रघात के कारण उसकी गिरफ़्तारी और लम्बी जेल-यातना का यथातथ्य चित्रण हुआ है! लेकिन इस कृति के बारे में इतना ही कहना नाकाफी है क्योंकि यह कुछ साहसी और सूझबूझ-भरी घटनाओं का संकलन मात्र नहीं है, बल्कि पाकिस्तान के तत्कालीन हालत का भी ऐतिहासिक विश्लेषण करती है! इसमें पाकिस्तान के तथाकथित भुत्तोवादी लोक्तान्रा, निरंतर मजबूत होते जा रहे तानाशाही निजाम तथा धार्मिक कठमुल्लावाद और उसके सामाजिक-आर्थिक अंतर्विरोधों को उधान्दने के साथ-साथ भारत-विरोधी षड्यंत्रों के उन अन्तराष्ट्रीय सूत्रों की भी पड़ताल की गई है, जिसके एक असाध्य परिणाम को हम ‘खालिस्तानी’ नासूर की शक्ल में झेल रहे हैं! उसमें जहाँ एक और भास्कर ने पाकिस्तानी जेलों की नारकीय स्थति, जेल-अधिकारीयों के अमानवीय व्यव्हार के बारे में बताया है, वहीँ पाकिस्तानी अवाम और मेजर अय्याज अहमद सिप्रा जैसे व्यकी के इंसानी बर्ताव को भी रेखांकित किया है !
© 2017 Storyside IN (Audiobook): 9789352843756
Release date
Audiobook: 14 December 2017
मैं पाकिस्तान में भारत का जासूस था – मोहनलाल भास्कर जासूसी को लेकर विश्व की विभिन्न भाषाओँ में अनेक सत्यकथाए लिखी गई हैं, जिनमे मोहनलाल भास्कर नामक भारतीय जासूस द्वारा लिखित अपनी इस आपबीती का एक अलग स्थान है ! इसमें 1965 के भारत-पाक युध्ह के दौरान उसके पाकिस्तान-प्रवेश, मित्रघात के कारण उसकी गिरफ़्तारी और लम्बी जेल-यातना का यथातथ्य चित्रण हुआ है! लेकिन इस कृति के बारे में इतना ही कहना नाकाफी है क्योंकि यह कुछ साहसी और सूझबूझ-भरी घटनाओं का संकलन मात्र नहीं है, बल्कि पाकिस्तान के तत्कालीन हालत का भी ऐतिहासिक विश्लेषण करती है! इसमें पाकिस्तान के तथाकथित भुत्तोवादी लोक्तान्रा, निरंतर मजबूत होते जा रहे तानाशाही निजाम तथा धार्मिक कठमुल्लावाद और उसके सामाजिक-आर्थिक अंतर्विरोधों को उधान्दने के साथ-साथ भारत-विरोधी षड्यंत्रों के उन अन्तराष्ट्रीय सूत्रों की भी पड़ताल की गई है, जिसके एक असाध्य परिणाम को हम ‘खालिस्तानी’ नासूर की शक्ल में झेल रहे हैं! उसमें जहाँ एक और भास्कर ने पाकिस्तानी जेलों की नारकीय स्थति, जेल-अधिकारीयों के अमानवीय व्यव्हार के बारे में बताया है, वहीँ पाकिस्तानी अवाम और मेजर अय्याज अहमद सिप्रा जैसे व्यकी के इंसानी बर्ताव को भी रेखांकित किया है !
© 2017 Storyside IN (Audiobook): 9789352843756
Release date
Audiobook: 14 December 2017
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Showing 10 of 591
null
31 Jan 2018
Very touchy
Pona
17 Jan 2020
☹️
DEEPAK
3 Feb 2021
विचारणीय
dipraj
18 May 2020
Love this book !!!
Subho
5 Apr 2020
Liked listening to the detailed narrattion.It describes the minutes details about the torture faced by Indian prisoners in Pakistan and also beautifully tells how there are so many similarities in the local people across the border
अभिषेक
24 Sept 2020
Good 1.
Mahesh
20 May 2020
Shocking
Amit
14 Sept 2022
इस किताब के बारे में कहने के लिए कोई शब्द नहीं शब्द, बस इसी बात से अंदाजा होता है की किताब सुनते वक्त एक पल भर के भी ध्यान कही नहीं गया. लेखक मोहनलाल भास्कर को मैं आदरयुक्त प्रणाम करता हु की उन्होंने अपनी ज़िन्दगी का एक बड़ा वक्त देश के लिए पाकिस्तान में यातनापूर्ण तरीके से बिताया अणि यह किताब के माध्यम से जासूस की ज़िन्दगी कितनी मुश्किलों भरी होती है. अभिवाचक विक्रांत चतुर्वेदी का भी मैं ह्रदय से अभिनन्दन करता हु की उन्होंने जिस प्रकार इस किताब का कथन किया है की मोहनलाल भास्करजी के साथ घटने वाली सारे वारदातों के हम चश्मदीद गवाह है. पाकिस्तान के आपके बुरे भले अनुभव सुनकर वो मुल्क कैसा है इसकी बस कल्पना कर सकते है. भारत वापस आने के बाद आपके साथ जो हुआ इसका बहुत बुरा लगता है और राजनेताओँ के बयान से सच में खून खौल उठता है.
Vinayak
22 May 2021
Nice one
KRIPALSINH
9 Dec 2021
Bahut hi badhiya book hai isko jarur Sunie
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