Listen and read

Step into an infinite world of stories

  • Listen and read as much as you want
  • Over 400 000+ titles
  • Bestsellers in 10+ Indian languages
  • Exclusive titles + Storytel Originals
  • Easy to cancel anytime
Subscribe now
Details page - Device banner - 894x1036
Cover for कुछ कही कुछ अनकही बातें: Timeless Untold Expressions (Hindi Version)

कुछ कही कुछ अनकही बातें: Timeless Untold Expressions (Hindi Version)

2 Ratings

1

Language
Hindi
Format
Category

Non-Fiction

यह पुस्तक 58 आत्मीय, कविताओं का एक संग्रह है, जिसे हर दिन बोली जाने वाली हिंदी और उर्दू भाषा में लिखा और पेश किया गया है। यह पुस्तक यह दर्शाती है कि कोई भी आम आदमी रिश्तों की सफलता और असफलता पर प्रतिक्रिया करता है हुए कैसे जटिल भावनाओं को महसूस करता है, प्रक्रिया करता है और व्यक्त करता है। कविताओं का यह संग्रह बहुत तरह की भावनाएं बताता है जो एक आम आदमी महसूस करता है जैसे कि प्यार और दोस्ती; लुभाव और मोह; अपनापन और अकेलापन; साथ और अलगाव; अस्वीकार और स्वीकृति; हताशा और गुस्सा; जुनून और लालसा; सफलताएँ और असफलताएँ; भ्रम और विचार; दिल और दिमाग और अन्य ऐसी शक्तिशाली भावनाएं। इन कविताओं को पहले वर्ष 1990 से 2004 के बीच लिखा गया था, जो लेखक की लडकपन में शुरुआती बीसवें साल की कुछ खास घटनाओं का समय था। पुस्तक एक टाइम-मशीन की तरह है जो किसी को बीस साल बाद अपने भोलेपन वाले समय पर वापस सोचने और उन क्षणों को बार-बार जीने का अवसर देती है।

पुस्तक में कविताओं को बारह भागों में पेश किया गया है। ये बारह भाग जीवन के कमजोर समय में अनुभव की गयी बहुआयामी, बहुविध, और जटिल भावनात्मक यात्रा और रिश्तों को संक्षेप में पेश करते हैं। चाहे हमारी उम्र, अनुभव या परिपक्वता कितनी भी क्यों न बढ़ जाये, इस पुस्तक में कविताओं के माध्यम से व्यक्त किए गए ये अद्भुत पल हमेशा हमारे साथ रहते हैं।

भाग एक "जब... मैं अकेला था" व्यक्त करता है कि यह कैसा महसूस हो सकता है जब हम एकाकी होते हैं।

भाग दो "जब... एक चाहत राही अनकही सी" उन भावनाओं को पेश करता है जिसे हम अनुभव करते हैं जब हम एकतरफा प्यार में पड़ जाते हैं।

भाग तीन "जब ... एक चेहरा कहीं छिपा था कहीं" उस चेहरे के बारे में है जो अभी तक खुद को हमारे सामने नहीं लाया पर जिसे हम महसूस कर सकते हैं, जिसकी कल्पना कर सकते हैं, जिसकी आशा कर सकते हैं या जिसके बारे में सोच सकते हैं, जिसके लिए लम्बा इंतज़ार लगता है जल्दी खत्म नहीं होगा।

भाग चार "जब... तुम जो मिल गए" में भाव और मिश्रित भावनाएं शामिल हैं, जब उस खास पर पहली नज़र पड़ती है जिसका इंतज़ार हमें न जाने कब से होता है। सभी सपने सच होने लगते हैं।

भाग पांच "जब... दिल ने जाना था तुमको" में उन बदलावों को व्यक्त करने वाली कविताएँ शामिल हैं जिन्हें हम अकसर प्यार के दौरान महसूस करते हैं, जब उस खास को नजदीकी से समझते हैं, जिसकी हर बात में जादू हैरान करता रहता है।

भाग छह "जब... प्यार तो होना ही था" उन भावों को दर्शाता है जो प्यार में आये उस बदलाव का और उस एहसास का प्रतीक है जो साथ होने ही का प्यारा सा एहसास कराता है। अचानक हमें अपने आसपास में और अपने रिश्तों में एक अर्थ दिखने लगता है।

भाग सात “जब… दूर हुए थे तुमसे हम” उन भावनाओं की कहानी है के कैसे अपने प्यारे से दूर होना हमें मायूस एहसास करवाता है, चाहे कुछ देर के लिए ही सही. सब कुछ इतना फीका सा लगता है।

भाग आठ "जब... टूटना ही था इसको एक दिन" उस किस्मत भरी घटना का जिक्र करती है जो कभी न कभी हर किसी की जिंदगी में आती है। हर तरफ उदासी लगती है और दुनिया बस कल ही खत्म होती दिखाई देती है।

भाग सात नौ "जब... उसको जाना ही था आखिर" एक ऐसा घिनौना सच है और कुछ दिल को छू लेने वाली कविताओं के माध्यम से उस दर्द का बयान है जो हर किसी के रिश्ते में देर-सवेरे आता ही है।

भाग दस "जब... सिर्फ यादों का साथ था" उन काव्यात्मक भावों का प्रतिनिधित्व करता है जिंदगी एक जगह या एक व्यक्ति पर नहीं रुकती। कविताएँ उस दौर का वर्णन करती हैं जब वो लोग जो कल तक हमारी जिंदगी का अटूट हिस्सा थे, वो हमारी जिंदगी की हकीकत में ख़त्म होकर हमारी यादों और ख्यालों रहना शुरू कर देते हैं, कुछ मीठी, कुछ कडवी।

भाग ग्यारह "जब... काश कहीं ऐसा होता" हमें उन भावनाओं की याद दिलाता है जो हम जाहिर करते है उन जगहों के लिए जिनसे हम जुड़े होते हैं, चीजें जो हमें प्यारी थी, गलतियां जो हमने की थी, दोस्त जो हमें अज़ीज़ थे, जिन्हें हम उन जगहों की ओर व्यक्त करते हैं जिनके बारे में हम सबसे ज्यादा याद करते हैं, जिन गलतियों को हमने याद किया, दोस्तों को हमने याद किया, सपने जो हमने देखे थे, नाकामयाबियां जिसने हमें डराया था, असमंजस जो जिंदगी ले के आयी थी, और हमें उस समय की याद दिलाता है जब हम अपने आज से भाग के कहीं किसी सुरक्षित जगह पर जाने को मजबूर हो जाते थे।

अंतिम भाग “जब... इसको खत्म होना ही न था” पुस्तक का समापन एक दिल को शु लेने वाली कविता से किया है जो लेखक को किसी खास ने दी थी एक दिन। हालांकि यह आखिरी कवितायेँ लेखक ने खुद नहीं लिखी, पर इनका अर्थ लेखक के अर्थ से कितना मिलता है “प्यार तो समय के बंधन से परे, सीमाहीन और बिना शर्त के होता है”।

© 2019 Rayan & Rayman (Ebook): 9789811408267

Release date

Ebook: 11 January 2019