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Duration
33min
Language
Hindi
Format
Category

Teens & Young Adult

मानव शरीर कई बीमारियों से जूझता है। उन शारीरिक बीमारियों का इलाज इस भौतिक जगत में विभिन्न औषधियों व उपचारों से संभव हो जाता है। ठीक उसी प्रकार मानव जीवन भी कई समस्याओं व परेशानियों से जूझता रहता व संघर्ष करता रहता है जिसके लिए कोई भी औषधि व उपचार इस भौतिक जगत में संभव नहीं। का की सभी समस्याओं व परेशानियों मनुष्य उपचार उसके भीतर गुण रूपी औषधि के रूप में विद्यमान है। ज़रूरत है सिर्फ इन गुण रूपी औषधियों को अपनी परेशानियों व समस्याओं के अनुसार प्रयोग करने की फिर मनुष्य स्वतः ही इनसे निजात पा सकता है। प्रस्तुत पुस्तक में कविताओं के माध्यम से उन गुणों .व परेशानियों को दर्शाया गया है है जो हर मनुष्य के भीतर विद्यमान तो हैं पर परिस्थिति और हालातों के कारण अंतरमन में कहीं दब से गए हैं है जैसा की हम जानते प्रभु श्रीराम भक्त हनुमान जी सर्वशक्तिशाली है पर वह अपनी शक्तियों को भूल न चुके थे पर जैसे ही उन्हें उनकी शक्तियों का बोध करवाया गया उन्होंने तुरंत ही एक छलांग में महासागर पार किया और लंका पहुँच गए। वैसे ही आत्मचिंतन द्वारा मनुष्य अपने भीतर छुपे गुणों को जान सकता है और उन्हें औषधियों के रूप में प्रयोग कर जीवन की परेशानियों से निजात पा सकता है।'जीवन संजीवनी' एक माध्यम बन सकती है आपके लिए जो आपके भीतर कहीं दबे हुए गुणों को आपसे रू-ब-रू करवाने में सहायक बन सकती है। जीवन में कभी हार न मानो आत्मचिंतन से स्वयं को पहचानो, 1 परेशानियाँ भी तुमसे कर लेंगी किनारा, का। पर पहले अपने भीतर के गुणों को

© 2025 BuCAudio (Audiobook): 9798318048036

Release date

Audiobook: 30 April 2025

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