Step into an infinite world of stories
4.5
Personal Development
अंधविश्वासों की मानव समाजों में एक समानांतर सत्ता चली आई है। शिक्षा, विज्ञान और सामाजिक चेतना के विस्तार के साथ इसके औचित्य पर लगातार प्रश्नचिन्ह लगते रहे हैं और लम्बे समय तक इसका शिकार बनते रहे लोगों ने एक समय पर आकर अंधविश्वासों की जड़ों को मजबूत करके अपना कारोबार चलानेवाले पाखंडी बाबाओं से मुक्ति भी पाई है, लेकिन वे नए-नए रूपों में आकर वापस लोगों के मानस पर अपना अधिकार जमा लेते हैं। आज इक्कीसवीं सदी के इस दौर में भी जब तकनीक और संचार के साधनों ने बहुत सारी चीजों को समझना आसान कर दिया है, ऐसे बाबाओं की कमी नहीं है जो किसी मनोशारीरिक कमजोरी के किसी क्षण में अच्छे-खासे शिक्षित लोगों को भी अपनी तरफ खींचने में कामयाब हो जाते हैं। डॉ. नरेंद्र दाभोलकर और उनकी 'अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति' ने महाराष्ट्र में इन बाबाओं और जनसाधारण की सहज अंधानुकरण वृत्ति को लेकर लगातार संघर्ष किया। लोगों से सीधे संपर्क करके, आंदोलन करके और लगातार लेखन के द्वारा उन्होंने कोशिश की कि तर्क और ज्ञान से अंधविश्वास की जड़ें काटी जाएँ ताकि भोले-भाले लोग चालाक और चरित्रहीन बाबाओं के चंगुल में फँसकर अपनी खून-पसीने की कमाई और जीवन तथा स्वास्थ्य को खतरे में न डालें। इस पुस्तक में उन्होंने किस्म-किस्म के बाबाओं, गुरुओं, अपने आप को भगवान या भगवान का अवतार कहकर भ्रम फैलानेवालों का नाम ले-लेकर उनकी चालाकियों का पर्दाफाश किया है। इनमें भगवान रजनीश और साईं बाबा जैसे नाम भी शामिल हैं जो इधर शिक्षित लोगों में भी खासे लोकप्रिय हैं। बाबाओं की ठगी का शिकार होनेवाले अनेक लोगों की कहानियाँ भी उन्होंने यहाँ दी हैं।
© 2021 Storyside IN (Audiobook): 9789354341090
Translators: Dr. Sanjay Nainwad
Release date
Audiobook: 29 September 2021
English
India