Step into an infinite world of stories
Fiction
संध्या और बेला.. दोनों रायसाहब की बेटियां... संध्या शांत स्वभाव वाली, जबकि बेला शोख, रंगीन मिजाज। बेला बंबई में पढ़कर वापस लौटती है तो पाती है कि संध्या और आनंद एक दूसरे से प्यार करते हैं। लेकिन बेला भी आनंद को चाहती है। एक दिन बेला को पता चलता है कि संध्या रायसाहब की गोद ली हुई पुत्री है तो वह क्रोधित हो यह सब संध्या को बता देती है। संध्या को जब अपनी मां का पता चलता है तो वह उनसे मिलने गांव पहुंचती है जो कि गरीबों की बस्ती है और संध्या की मां उस गांव में चाय खाना चलाती है। इस बीच धोखे से, अपने मोहजाल में फंसाकर बेला आनंद से विवाह कर बंबई चली जाती है। बंबई में बेला को फिल्मों में काम करने का मौका मिलता है लेकिन आनंद को यह सब पसंद नहीं और उसकी हालत पागलों जैसी हो जाती है। क्या आनंद का पागलपन दूर हुआ? क्या बेला एक फिल्म अभिनेत्री के रूप में सफल हो सकी? क्या संध्या के जीवन में कोई और पुरुष आया? इन सब जिज्ञासा भरे प्रश्नों का उत्तर आप इस उपन्यास में पा सकते हैं जो कि कलम के जादूगर गुलशन नंदा द्वारा लिखा गया है। गुलशन नंदा का नाम रोमांटिक और सामाजिक उपन्यासकारों में सर्वाधिक लोकप्रिय है। उन्होंने अपने बीच समाज को जिया तथा उसके ताने-बाने को अपने उपन्यासों में उतारा था। उनके सभी उपन्यास आज भी प्रासंगिक हैं। उनके कई उपन्यासों पर फिल्में भी बनी। उनके लोकप्रिय उपन्यासों में घाट का पत्थर, नीलकंठ, जलती चट्टान, कलंकिनी, आसमान चुप है, चंदन, शीशे की दीवार प्रमुख रही है। आज भी उनकी लिखी कहानियां एवं उपन्यास घर-घर में पढ़े जाते हैं। गुलशन नंदा के सभी उपन्यास अपने पहले ही संस्करण में पांच लाख से ऊपर बिकते थे। आज भी निरंतर बिक रहे हैं। इनके कई उपन्यासों पर फिल्म भी बन चुकी है। पाठक आज भी उनके साथ है, भले वे आज हमारे बीच नहीं हैं।
© 2021 Storyside IN (Audiobook): 9789356048430
Release date
Audiobook: 23 June 2021
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