पेरियार रामायण को एक राजनीतिक ग्रन्थ मानते थे। उनका कहना था कि इसे दक्षिणवासी अनार्यों पर उत्तर के आर्यों की विजय और प्रभुत्व को जायज़ ठहराने के लिए लिखा गया और यह ग़ैर-ब्राह्मणों पर ब्राह्मणों और महिलाओं पर पुरुषों के वर्चस्व का उपकरण है। रामायण की मूल अन्तर्वस्तु को उजागर करने के लिए पेरियार ने 'वाल्मीकि रामायण' के अनुवादों सहित; अन्य राम कथाओं, जैसे—'कंब रामायण', 'तुलसीदास की रामायण' (रामचरित मानस), 'बौद्ध रामायण', 'जैन रामायण' आदि के अनुवादों तथा उनसे सम्बन्धित ग्रन्थों का चालीस वर्षों तक अध्ययन किया और 'रामायण पादीरंगल' (रामायण के पात्र) में उसका निचोड़ प्रस्तुत किया। यह पुस्तक 1944 में तमिल भाषा में प्रकाशित हुई। इसका अंग्रेज़ी 'द रामायण: अपन ट्रू रीडिंग' नाम से 1959 में प्रकाशित हुआ।
© 2021 Storyside IN (Audiobook): 9789354340024
Release date
Audiobook: 20 August 2021
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पेरियार रामायण को एक राजनीतिक ग्रन्थ मानते थे। उनका कहना था कि इसे दक्षिणवासी अनार्यों पर उत्तर के आर्यों की विजय और प्रभुत्व को जायज़ ठहराने के लिए लिखा गया और यह ग़ैर-ब्राह्मणों पर ब्राह्मणों और महिलाओं पर पुरुषों के वर्चस्व का उपकरण है। रामायण की मूल अन्तर्वस्तु को उजागर करने के लिए पेरियार ने 'वाल्मीकि रामायण' के अनुवादों सहित; अन्य राम कथाओं, जैसे—'कंब रामायण', 'तुलसीदास की रामायण' (रामचरित मानस), 'बौद्ध रामायण', 'जैन रामायण' आदि के अनुवादों तथा उनसे सम्बन्धित ग्रन्थों का चालीस वर्षों तक अध्ययन किया और 'रामायण पादीरंगल' (रामायण के पात्र) में उसका निचोड़ प्रस्तुत किया। यह पुस्तक 1944 में तमिल भाषा में प्रकाशित हुई। इसका अंग्रेज़ी 'द रामायण: अपन ट्रू रीडिंग' नाम से 1959 में प्रकाशित हुआ।
© 2021 Storyside IN (Audiobook): 9789354340024
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Overall rating based on 83 ratings
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Showing 10 of 83
Gautam Kumar
6 Sept 2021
जो धार्मिक अंधे है उनके लिए यह किताब नहीं है.
gourav
27 Aug 2021
गजब की घटिया किताब है। storytel से ये उम्मीद नहीं थी।राम को काल्पनिक बोला और कहा कि उन्होंने रावण की हत्या की थी।अरे "थू" है ऐसे लेखन पर।निहायत ही निम्न स्तर को किताब
Nilesh Shashikant
29 Aug 2021
देश को जाती के नाम पर तो बांट ही चुके हैं अभी ऐसी किताबों से आर्य- द्रविड़ करके बांटने का उद्देश्य लगता है। अलग-अलग संस्कृति अलग-अलग भाषा ये तो हमारे देश की शक्ति है । लोग आपस में एक-दूसरे की इज्ज़त करें और जिएं और जीने दे ये काफ़ी है। देश और दुसरे समाज के प्रति बहुत ही नकारात्मक सोच रखने वाले इंसान की ये रचना लगती है। ऐसा मेरा व्यक्तिगत मत है। समाज में ज़हर फैलाने वाले ऐसी पुस्तकें जरुर पढ़नी चाहिए और जिवन में किन विचारों से दूर रहना चाहिए इससे हमें पता चलता है। एक-दूसरे का आदर करना सीखें और एक-दूसरे के दिलों में ज़हर भरने वाले ऐसे विचारों से बचें। 😊🙏
Qabeer
23 Aug 2021
The book has the potential of giving mental piles to Savarna Hindus, as it challenges the basic assumptions about Hindu mythology. That said, by this book, Periyar made an important contribution to wider Ramayana discourse and added new insights to learn about the Ramayana tradition.
Arun
25 Sept 2021
Only truth lovers listen. Only true Ramayan. Mind blowing. Factual. Know the true character of Ramayan. Remove the superstitions. Listen many times. Every word is important. Read book of Periyar . Thanks
Lahoria
22 Aug 2021
Must listen👌 with open mind.
Sanju
24 May 2022
जो संकुचित मानसिकता के हैं वो इसे सुनकर अपना समय खराब न करे। कहीं पूरा सुन कर बाद में दूसरो को सलाह दे कि इसे सुनकर अपना समय खराब न करे। आप भी अपना समय की बचत करे।
Monesh
24 Aug 2021
Zero rating... Very disgusting book.. author should not call himself an author or sahityik.. this is not critical analysis just plain dumb thoughts he has.. DO NOT EVEN TRY TO LISTEN EVEN IF U R CURIOUS!! VERY VERY BAD
Ashish
21 Aug 2021
Don't even think of wasting your precious time listening to this piece of crap. A complete disaster...
Shreyas
21 Aug 2021
बकवास यूसलेस बुक है डोन्ट वेस्ट युवर टाईम
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