संस्कृति के चार अध्याय राष्ट्रकवि स्वर्गीय रामधारी सिंह दिनकर की एक बहुचर्चित पुस्तक है जिसे साहित्य अकादमी ने सन् 1956 में न केवल पहली बार प्रकाशित किया अपितु आगे चलकर उसे पुरस्कृत भी किया। इस पुस्तक में दिनकर जी ने भारत के संस्कृतिक इतिहास को चार भागों में बाँटकर उसे लिखने का प्रयत्न किया है। ऑडियो में ये क़िताब पहली बार आयी है, और क्या ख़ूब आयी है! इस क़िताब सुनते हुए ना सिर्फ़ भारतीय संस्कृति के बारे में ज्ञान की प्राप्ति होती है साथ ही साथ रामधारी सिंह दिनकर के लेखन कौशल को भी करीब से समझने का मौका मिलता है!
Release date
Audiobook: 24 April 2021
संस्कृति के चार अध्याय राष्ट्रकवि स्वर्गीय रामधारी सिंह दिनकर की एक बहुचर्चित पुस्तक है जिसे साहित्य अकादमी ने सन् 1956 में न केवल पहली बार प्रकाशित किया अपितु आगे चलकर उसे पुरस्कृत भी किया। इस पुस्तक में दिनकर जी ने भारत के संस्कृतिक इतिहास को चार भागों में बाँटकर उसे लिखने का प्रयत्न किया है। ऑडियो में ये क़िताब पहली बार आयी है, और क्या ख़ूब आयी है! इस क़िताब सुनते हुए ना सिर्फ़ भारतीय संस्कृति के बारे में ज्ञान की प्राप्ति होती है साथ ही साथ रामधारी सिंह दिनकर के लेखन कौशल को भी करीब से समझने का मौका मिलता है!
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Audiobook: 24 April 2021
Step into an infinite world of stories
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Mayank
15 May 2021
गर्व से कहो हम हिन्दू हैं, हिन्दुस्थानी हैंI
Rohitash
26 Jul 2022
Amazing book. In the league of Discovery of India. Captures thousands of years of cultural history of India in a mesmerizing 37 hr narration.
Indra
10 Feb 2022
Very Informative
Ashu
27 Apr 2021
best for understanding India and its cultureprovide a broad perspective our cultural and how our current problems evolved with time.must for everyone who wants to understand the Indian culture and heritage.
Sanjay
4 Oct 2021
Good book to read /listen and to understand Indian history, culture, over all socio economic development of India. Every Indian citizen must read this book . Good book & good narration.
Mahesh
11 Jul 2021
मुझे दिनकर जी का encyclopedic काम और उसमें लगे श्रम का अनुमान है लेकिन उनकी दृष्टि में मुझे वैसी स्वच्छता और व्यापकता नहीं मिली जैसी कि ऐसे शीर्षक और काम से अपेक्षा हो जाती है। उनकी दृष्टि हिंदुओं को लेकर पक्षपाती लगी, और इसीलिए मैं इसका बड़ा प्रशंसक नहीं बन पाया।
Minal
9 Feb 2022
Cool
अरुण अण्णासाहेब कागबट्टे
28 Jan 2022
बहुत हि रोचक इतिहास वो भी तथ्यो के साथ विस्तृत रूप में सूनने को मिला. आवाज का योगदान तो है ही.धन्यवाद स्टोरीटेल
Dilip
27 Jun 2022
The narrator did a wonderful job.
Aniket
18 Nov 2021
Best
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India