Step into an infinite world of stories
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Teens & Young Adult
मुंशी प्रेमचंद की कालजयी कहानियों में से एक "ठाकुर का कुआँ" सामाजिक अन्याय, जातिगत भेदभाव और शोषण पर गहरी चोट करती है। यह कहानी भारतीय समाज की उस सच्चाई को उजागर करती है जहाँ निम्न वर्ग के लोगों को मूलभूत अधिकारों से भी वंचित रखा जाता है।
कहानी एक गरीब दलित महिला की है, जो अपनी बीमार पति के लिए पानी लेने के लिए ठाकुर के कुएँ तक जाने की हिम्मत जुटाती है, लेकिन ऊँच-नीच के भेदभाव के कारण उसे अमानवीय स्थितियों का सामना करना पड़ता है। प्रेमचंद अपनी सशक्त लेखनी के माध्यम से सामाजिक बुराइयों पर करारा प्रहार करते हैं और पाठकों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं।
यदि आप हिंदी साहित्य और सामाजिक यथार्थ से जुड़ी मार्मिक कहानियाँ पसंद करते हैं, तो यह ऑडियोबुक आपके लिए अवश्य सुनने योग्य है।
© 2025 Infinity Spectrum Books (Audiobook): 9789361901591
Release date
Audiobook: 9 April 2025
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Monu Singh chaudhary
16 Mar 2025
स्वर्ण मानसिकता/जातिवादी मानसिकता कल भी थी आज भी नहीं बदली.....
अरुण अण्णासाहेब
13 Mar 2025
सवर्ण लोगो के अत्याचार तो इतने थे की जानवर भी सन्मान पाते, लेकीन ऐसे तबके को कभी भी आदमी बोल के इज्जत नहीं मिली
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