Rekhte ke Ustad : Sahir Ludhiyanvi Rekhta
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Lyric Poetry & Drama
करनी है खुदा से गुज़ारिश, तेरी दोस्ती के सिवा, कोई बंदगी ने मिले, हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा, या फिर कभी ज़िन्दगी न मिले.....
वो नाराज़ होकर भी साथ नहीं छोड़ती, उसकी नाराज़गी भी इतनी प्यारी.....
औरो की खातिर जीना है, जिसकी तासीर उसे ही रब ने, मेरी झोली में डाला है .....
© 2021 Pencil (Ebook): 9789354585494
Release date
Ebook: 2 August 2021
Tags
English
India