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Hare Coat Ke Piche - Malgudi Days by R. K. Narayan - हरे कोट के पीछे - मालगुडी डेज़ आर. के. नारायण
"राजू एक पाकिट मार है, लेकिन वह हमेशा से अपनी पत्नी को झूठ बोलता आ रहा है कि वह बिज़नेस कर पैसे कमाता है। एक दिन वह ग्रीन ब्लेज़र वाले एक आदमी का पीछा करता है जो अपनी बेटी के लिए गुब्बारे लेकर जा रहा होता है। मौक़ा मिलते ही राजू उसका पाकिट मार लेता है। पर्स से पैसे निकालते समय राजू की नज़र उन गुब्बारों पर पड़ती है जो वह आदमी उसकी बेटी के लिए ले जा रहा था। उसे सोचकर बुरा लगता है कि जब वह घर लौटेगा और उसकी बेटी को गुब्बारे नहीं दिखेंगे तो उसे कितना दुःख होगा। राजू उन गुब्बारों को दोबारा पर्स में रख उसके ब्लेज़र के पाकिट में डालने जा ही रहा होता है कि पुलिस आकर उसे पकड़ लेती है। पुलिस राजू को बहुत मारती है। तब वह निश्चय करता है कि आगे से वह किसी के भी प्रति सहानुभति नहीं दिखाएगा। "
लेखक आर. के. नारायण “ मालगुडी डेज” भारत के प्रख्यात लेखक आर.के.नारायण द्वारा रचित एक काल्पनिक शहर की कहानी है और इसी तर्ज पर कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक शंकर नाग ने इस पर 1986 में एक टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया, जिसे 'मालगुडी डेज़' कहते हैं। मालगुडी, दक्षिण भारत के मद्रास से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित एक काल्पनिक गाँव है जो की आर.के.नारायण की ही कल्पना थी। यह शहर मेम्पी जंगल के पास सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस जगह की वास्तविकता के बारे में खुद आर.के.नारायण भी अनजान थे। कई लोग इसे कोइम्बतुर में मानते हैं क्योंकि वहां पर भी ऐसी ही इमारतें और घर थे।
© 2025 LOTUS PUBLICATION (Audiobook): 9798318171840
Release date
Audiobook: 25 April 2025
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