एक समय ऐसा था जब जावेद ख़ुद को गर्व से हिंदुस्तानी कहता था. जम्मू-कश्मीर पुलिस में इन्स्पेक्टर था वो! और मुकम्मल तौर पर अपने मुल्क के लिए समर्पित था. लकें फिर कुछ ऐसा हुआ कि ख़ुद को हिंदुस्तानी कहलवाने में उसे शर्म आने लगी. उसकी दिली इच्छा था कि सब उसे "कश्मीर का बेटा" कहें! ऐसा क्यों हुआ? ये सच बता रहें हैं "वेद प्रकाश शर्मा" अपने इस चर्चित उपन्यास में. ऑडियोबुक के रूप में इस उपन्यास को सुन कर आप उन किरदारों से मिलते हैं, जिसे वेद प्रकाश शर्मा जी ने सालों की मेहनत से गढ़ा है.
© 2021 Storyside IN (Audiobook): 9789353987404
Release date
Audiobook: 17 February 2021
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एक समय ऐसा था जब जावेद ख़ुद को गर्व से हिंदुस्तानी कहता था. जम्मू-कश्मीर पुलिस में इन्स्पेक्टर था वो! और मुकम्मल तौर पर अपने मुल्क के लिए समर्पित था. लकें फिर कुछ ऐसा हुआ कि ख़ुद को हिंदुस्तानी कहलवाने में उसे शर्म आने लगी. उसकी दिली इच्छा था कि सब उसे "कश्मीर का बेटा" कहें! ऐसा क्यों हुआ? ये सच बता रहें हैं "वेद प्रकाश शर्मा" अपने इस चर्चित उपन्यास में. ऑडियोबुक के रूप में इस उपन्यास को सुन कर आप उन किरदारों से मिलते हैं, जिसे वेद प्रकाश शर्मा जी ने सालों की मेहनत से गढ़ा है.
© 2021 Storyside IN (Audiobook): 9789353987404
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Audiobook: 17 February 2021
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Step into an infinite world of stories
Overall rating based on 31 ratings
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Showing 4 of 31
Satish
27 Oct 2022
Very interesting
MUKUND
11 Sept 2022
Ok
NITIN
21 Apr 2021
Waiting for next part
Kaustubh
22 Apr 2022
बहोत खूब सब किरदार अपने व्यक्तीत्व को उचित न्याय दे रहे है और उपवास उत्कंठावर्धक है।
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