वेद कहते हैं कि अनस्तित्व में से अस्तित्व का जन्म नहीं होता। जो नहीं है, वह हो नहीं सकता। किसी का जन्म नहीं होता। कुछ उत्पन्न नहीं होता। स्रष्टा और सृष्टि दो समानान्तर रेखाएँ हैं, जिनका न कहीं आदि है न अन्त। वे दोनों रेखाएँ समानान्तर चलती हैं। ईश्वर नित्य क्रियाशील विधाता है। जिसकी शक्ति से प्रलयपयोधि में नित्यशः एक के बाद एक ब्रह्माण्ड का सृजन होता रहता है। वे कुछ काल तक गतिमान रहते हैं और उसके पश्चात् विनष्ट कर दिए जाते हैं। सूर्य चन्द्रमसौ धाता यथापूर्वम् अकल्पयत्। इस सूर्य और इस चन्द्रमा को भी पिछले चन्द्रमा के समान निर्मित किया गया।...तो यह जन्म लेने से पहले, इस शरीर को धारण करने से पहले भी तो कुन्ती कुछ रही होगी, कोई रही होगी। कौन थी वह ?... (C) 2018 Vani Prakashan
© 2018 Storyside IN (Audiobook): 9789352847198
Release date
Audiobook: 12 May 2018
वेद कहते हैं कि अनस्तित्व में से अस्तित्व का जन्म नहीं होता। जो नहीं है, वह हो नहीं सकता। किसी का जन्म नहीं होता। कुछ उत्पन्न नहीं होता। स्रष्टा और सृष्टि दो समानान्तर रेखाएँ हैं, जिनका न कहीं आदि है न अन्त। वे दोनों रेखाएँ समानान्तर चलती हैं। ईश्वर नित्य क्रियाशील विधाता है। जिसकी शक्ति से प्रलयपयोधि में नित्यशः एक के बाद एक ब्रह्माण्ड का सृजन होता रहता है। वे कुछ काल तक गतिमान रहते हैं और उसके पश्चात् विनष्ट कर दिए जाते हैं। सूर्य चन्द्रमसौ धाता यथापूर्वम् अकल्पयत्। इस सूर्य और इस चन्द्रमा को भी पिछले चन्द्रमा के समान निर्मित किया गया।...तो यह जन्म लेने से पहले, इस शरीर को धारण करने से पहले भी तो कुन्ती कुछ रही होगी, कोई रही होगी। कौन थी वह ?... (C) 2018 Vani Prakashan
© 2018 Storyside IN (Audiobook): 9789352847198
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Audiobook: 12 May 2018
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Deepti
18 Feb 2021
आवाज़ देने वाली हेमा जी की प्रशंसा में शब्द नहीं हैं उनकी ही आवाज़ में कथा याद रह जाएगी।हर स्त्री हर जननी को यह कथा सुननी चाहिए । शौर्यवान संतति के चरित्र निर्माण में एक सशक्त माता का महत्व और उस युग में घटित होते मनोवैज्ञानिक समाजिक राजनीतिक दबाव के बाद भी एक स्त्री का अपने पति और अपने पुत्रों पुत्रवधुओं को सही मार्गदर्शन देना और गुणीजनों सुधीजनों से बिना अहंकार के मार्गदर्शन लेना बड़े सजीव और स्वाभाविक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।कुछ भी कल्पना नहीं लगता।मुझे विशेषकर कुंती और भीम के संवाद मनमोहक और सहज लगे ,मन मुस्का उठता था हर बार।
Divyansh
5 May 2022
Very nice story
Madan
25 Jul 2021
Mere repetition of Mahasamar.
Arpita
6 Sept 2022
Voice narration is amazing.Outstanding book. Everyone should listen this.
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