Listen and read

Step into an infinite world of stories

  • Listen and read as much as you want
  • Over 400 000+ titles
  • Bestsellers in 10+ Indian languages
  • Exclusive titles + Storytel Originals
  • Easy to cancel anytime
Subscribe now
Details page - Device banner - 894x1036

Saubhagya Ke Kode - Munshi Premchand Ki Kahani: सौभाग्य के कोड़े - मुंशी प्रेमचंद की कहानी

1 Ratings

5

Duration
32min
Language
Hindi
Format
Category

Fantasy & SciFi

सौभाग्य के कोड़े - मुंशी प्रेमचंद की कहानी - Saubhagya Ke Kode - Munshi Premchand Ki Kahani मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'सौभाग्य के कोड़े' एक गहरी सामाजिक और मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत रचना है। यह कहानी उस संघर्ष और दर्द को उजागर करती है, जो अक्सर सौभाग्य की छवि के पीछे छिपा होता है। प्रेमचंद ने अपने अद्वितीय शैली में समाज और रिश्तों की विडंबनाओं को सजीव रूप में प्रस्तुत किया है।

'सौभाग्य के कोड़े' के माध्यम से प्रेमचंद यह दर्शाते हैं कि जीवन की कठिनाइयाँ और संघर्ष अक्सर हमें मजबूत बनाते हैं और सही राह दिखाते हैं। यह कहानी आपको आत्मचिंतन करने और समाज की गहरी परतों को समझने की प्रेरणा देगी।

🔸 कहानी का नाम: सौभाग्य के कोड़े

🔸 लेखक: मुंशी प्रेमचंद

🔸 शैली: सामाजिक, यथार्थवादी

🔸 मुख्य विषय: संघर्ष, सौभाग्य, और जीवन की सच्चाइयाँ

🔸 मुख्य पात्र: समाज के विभिन्न चरित्र

🌟 कहानी के मुख्य बिंदु:

सौभाग्य और संघर्ष का यथार्थ

समाज की गहरी विडंबनाएँ

जीवन की कठोर सच्चाइयों का चित्रण

मुंशी प्रेमचंद की अद्वितीय लेखनी

मुंशी प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी साहित्य के ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने अपनी कलम से समाज के सजीव चित्र प्रस्तुत किए। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन "प्रेमचंद" के नाम से वे जन-जन के लेखक बन गए। उनकी कहानियाँ जैसे "ईदगाह" और "कफन" आम इंसान के संघर्ष, भावनाओं और संवेदनाओं का दर्पण हैं। प्रेमचंद ने गरीबों, किसानों और मजदूरों के दुःख-दर्द को अपनी कहानियों में ऐसा उकेरा कि पाठक उनके पात्रों के साथ जीने लगते हैं। उनके उपन्यास "गोदान" और "गबन" समाज में सुधार और समानता का संदेश देते हैं। आज भी उनकी रचनाएँ हमें जीवन के गहरे अर्थों से रूबरू कराती हैं।

© 2025 LOTUS PUBLICATION (Audiobook): 9798347975174

Release date

Audiobook: 5 February 2025

Others also enjoyed ...