गबन प्रेमचंद का प्रसिद्ध उपन्यास है ! इस उपन्यास में उन्होंने भारतीय नारी के आभूषण-प्रेम को आधार बनाकर मध्यवर्ग के आर्थिक और सामाजिक अंतरविरोधियों का मनोहारी चित्रण किया है ! रमानाथ जैसा चरित्र प्रेमचंद की गहरी दृष्टि का परिणाम है जो अपनी पत्नी की आभूषण लिप्सा के लिए चोरी करने पर उतर आता है ! गबन करता है और फिर गबन के अपराध से बचने के लिए शहर छोड़कर भागने के लिए मजबूर हो जाता है ! इसी कारण रमानाथ लगातार एक के बाद दूसरी कठिनाइयों में फंसता चला जाता है लेकिन प्रेमचंद का अभिप्राय मात्र रमानाथ की कहानी का नहीं है ! वे इसके मध्यम से व्यवस्था और पोलिसतंत्र के भ्रष्टाचार, क्रूरता और अमानवीयता का चित्रण करते हैं, और बताते हैं कि सारी व्यवस्था भ्रष्टाचार के दलदल में धंस चुकी है ! लोग गलत ढंग से धन कमाने को ही अपनी असली कमाई मानने लगे हैं ! प्रेमचंद अपने इस उपन्यास में राष्ट्रीय आन्दोलन की गतिविधियों को भी ले आते हैं और इससे अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता को भी अत्यन्त कलात्मक ढंग से व्यक्त करते हैं ! यही कारण ही कि इतने लम्बे अरसे के बाद भी भारतीय मानव में एक महत्वपूर्ण कथा-कृति के रूप में टिका हुआ है !
© 2017 Storyside IN (Audiobook): 9780430012637
Release date
Audiobook: 12 December 2017
गबन प्रेमचंद का प्रसिद्ध उपन्यास है ! इस उपन्यास में उन्होंने भारतीय नारी के आभूषण-प्रेम को आधार बनाकर मध्यवर्ग के आर्थिक और सामाजिक अंतरविरोधियों का मनोहारी चित्रण किया है ! रमानाथ जैसा चरित्र प्रेमचंद की गहरी दृष्टि का परिणाम है जो अपनी पत्नी की आभूषण लिप्सा के लिए चोरी करने पर उतर आता है ! गबन करता है और फिर गबन के अपराध से बचने के लिए शहर छोड़कर भागने के लिए मजबूर हो जाता है ! इसी कारण रमानाथ लगातार एक के बाद दूसरी कठिनाइयों में फंसता चला जाता है लेकिन प्रेमचंद का अभिप्राय मात्र रमानाथ की कहानी का नहीं है ! वे इसके मध्यम से व्यवस्था और पोलिसतंत्र के भ्रष्टाचार, क्रूरता और अमानवीयता का चित्रण करते हैं, और बताते हैं कि सारी व्यवस्था भ्रष्टाचार के दलदल में धंस चुकी है ! लोग गलत ढंग से धन कमाने को ही अपनी असली कमाई मानने लगे हैं ! प्रेमचंद अपने इस उपन्यास में राष्ट्रीय आन्दोलन की गतिविधियों को भी ले आते हैं और इससे अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता को भी अत्यन्त कलात्मक ढंग से व्यक्त करते हैं ! यही कारण ही कि इतने लम्बे अरसे के बाद भी भारतीय मानव में एक महत्वपूर्ण कथा-कृति के रूप में टिका हुआ है !
© 2017 Storyside IN (Audiobook): 9780430012637
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Shekhar
31 Dec 2021
बहुत बढ़िया प्रस्तुति है। यूनुस खान की शानदार आवाज़ पूरी प्रस्तुति की जान है।
Siddharth
13 Jan 2023
रमा आणि जालपा ह्या प्रमुख पात्रांभोवती फिरणारी कथा!प्रेमचंद ह्यांचं मी ऐकलेलं हे पहिलंच पुस्तक!!!त्यांच्या लेखणीत खरंच जादू आहे...आपण ते पात्र जगू लागतो...पात्रांचं वागणं...विचार करणं...एव्हढं खरं आणि आपलंस वाटू लागतं...विविध प्रवृत्तीची माणसं आपल्याला या प्रवासात भेटत जातात आणि आपलीशी वाटू लागतात...स्त्रीचं दागिन्यांवरील प्रेम...नव विवाहित नवऱ्याचं बायको वरील प्रेम...आणि तिला खुश ठेवण्याची काहीही करण्याची तयारी...कर्ज काढा आणि हौस मौज करा...या जमान्यातील वृत्तीला बळी पडून पापभिरू माणसाची होणारी फरपट दिसते...अंथरूण पाहून पाय पसरावे...नवरा बायको मध्ये सुसंवाद हवा आणि किमान स्वतःच्या आर्थिक अवस्थेची स्पष्ट कल्पना हवी..नाहीतर...काय होतं याचं यथार्थ दर्शन घडतं..पुस्तकासाठी प्रेमचंद याना मुजरा!!!आणि आपल्या उत्कृष्ट अभिवाचनाने सर्व पात्र जिवंत केल्याबद्दल युनूस खान यांना धन्यवाद!त्यामुळे हा प्रवास अविस्मरणीय होतो👌👌👌
Shubham
19 Jul 2022
The great story of pre-independence describing the moral values,sacrifice,transformation of people.Really loved it.
Suman
22 Jan 2021
Just loved the all novel of Munshi Premchand
Anil
24 May 2023
Nice book
Rizwan
16 Apr 2021
Awesome, simply awesome.
Mahesh
19 Mar 2024
बहुत ही बढिया उपन्यास है रमानाथ का किरदार कहीना कही बहुत ही डरा हुआ बताया गया है और वोही दुसरी तरफ जालपा का किरदार निडर और आत्मसम्मान से भरा हुआ बताया गया है और बाकी सारे किरदार भी बहुत ही बढिया तरिके से लिखा गया है ᴍᴜɴꜱʜɪ ᴩʀᴇᴍᴄʜᴀɴᴅ द्वारा ❤️❤️❤️
gourav
13 Aug 2021
गबन अत्यंत रोचक उपन्यास है। यह उपन्यास मुझे गोदान से भी बेहतर लगता है।
DEEPAK
24 Sept 2022
बढ़िया
Sanjay
21 Apr 2023
Truly appreciate writing skills of Munshi Premchand Ji & Perfectly Reading by Yunus ji 👌
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