नवीन चौधरी का यह उपन्यास बीती सदी के अंतिम दशक की छात्र-राजनीति के दांव-पेंच और उन्हीं के बीच पलते और दम तोड़ते मोहब्बत के किस्सों को बहुत जीवंत ढंग से सामने लाता है. जनता स्टोर, जो होने को जयपुर की एक दुकान भी है और और नहीं होने को वह देश भी है, जिसमें स्टोर करने की क्षमता बहुत है, जनता नहीं है.
© 2019 Storyside IN (Audiobook): 9789353812362
Release date
Audiobook: 9 October 2019
नवीन चौधरी का यह उपन्यास बीती सदी के अंतिम दशक की छात्र-राजनीति के दांव-पेंच और उन्हीं के बीच पलते और दम तोड़ते मोहब्बत के किस्सों को बहुत जीवंत ढंग से सामने लाता है. जनता स्टोर, जो होने को जयपुर की एक दुकान भी है और और नहीं होने को वह देश भी है, जिसमें स्टोर करने की क्षमता बहुत है, जनता नहीं है.
© 2019 Storyside IN (Audiobook): 9789353812362
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Audiobook: 9 October 2019
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Showing 6 of 79
Praveen
26 Aug 2020
#Storytel #Audiobook‘जनता स्टोर’ आठ घंटे से अधिक ऑडियो पर सुनी। अपेक्षाकृत अधिक वक्त लगा। इससे पहले ‘कसप’ की ऑडियो लगायी थी जो अठारह घंटे की थी, तो बीच में छोड़नी पड़ी। आठ घंटे की ऑडियो एक हफ्ते तक रोज टहलते या गाड़ी में सुनते निकल गयी। फिर भी जहाँ ‘औघड़’ छह घंटे में खत्म हुई थी, इसमें भी उतना ही समय लगना चाहिए था। मुझे मालूम नहीं कि प्रिंट में पन्ने कितने हैं। लेकिन, इन आठ घंटे के बावजूद कहानी की गति ऐसी है कि आदमी सुनता चला जाए। अनुराग कश्यप नहीं, मनमोहन देसाई वाला पेस। हालांकि कहानी एक अनुराग कश्यप के फ़िल्म की याद दिला रही थी, जो राजस्थान की छात्र राजनीति पर आधारित थी। मन में ‘आरंभ है प्रचंड..’ गीत भी चल रहा था। छात्र राजनीति कितनी भी घट गयी है, सबको थोड़ा-बहुत अनुभव होता ही है। उस मामले में नॉस्टैल्जिक भी है। कथावाचक मुकेश पाण्डेय जी की भी तारीफ़ कि पात्रों के साथ बढ़िया आवाज़ बदलते रहे। क्लाइमैक्स की राजनैतिक पेंच मजेदार है। यह किताब भी वेब-सीरीज़ या फ़िल्मी पटकथा जैसी ही लिखी गयी है। दर्शन या भाव-प्रधान लेखन का तड़का नहीं है। सपाट लेखन है। इसलिए भी ऑडियो सुनने में दिमाग कम लगता है।बढ़िया अनुभव। धूम-धड़ाका किताब। मसालेदार
Siddharth
10 Jun 2024
पुन्हा कॉलेज जीवनात जाऊन आल्यासारखं वाटलं... मित्रांचं जीवाला जीव देणं..कॉलेजमधल्या निवडणुका (पण सुदैवानं किंवा दुर्दैवानं कधी अनुभवता आल्या नाहीत..पण कित्येक किस्से ऐकले होते) पण एकदम मज़ा आ गया👌👍
priyesh
27 Apr 2022
A story that seems to have been known before but crafted beautifully. Good narrative.
Hemant
15 Dec 2022
कॉलेज जीवन की बेहतरीन किताब.आप खुद को उसमे खुद को देक सकते हैNice 👌👍👍👍👍👍
Madan
17 Feb 2021
Nice story.
satyam
9 Feb 2020
Fantastic book on student politics by naveen sir
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