होता तो यह है कि बच्चे जब बड़े हो जाते है तो उनके माँ-बाप उनकी शादी कराते हैं लेकिन इस कहानी में थोड़ा-सा उल्टा है, या यूँ कह लीजिए कि पूरी कहानी ही उल्टी है। राघव अवस्थी के मन में एक बार एक उड़ता हुआ ख़याल आया कि अपनी सिंगल मम्मी के लिए एक बढ़िया-सा टिकाऊ बॉयफ्रेंड या पति खोजा जाए। राघव को यह काम जितना आसान लग रहा था, असल में वह उतना ही मुश्किल निकला। इब्नेबतूती आज की कहानी होते हुए भी एक खोए हुए, ठहरे हुए समय की कहानी है। एक लापता हुए रिश्ते की कहानी है। कुछ सुंदर शब्द कभी किसी शब्दकोश में जगह नहीं बना पाते। कुछ सुंदर लोग किसी कहानी का हिस्सा नहीं हो पाते। कुछ बातें किसी जगह दर्ज नहीं हो पातीं। कुछ रास्ते मंज़िल नहीं हो पाते। इब्नेबतूती-उन सभी अधूरी चीज़ों, चिट्ठियों, बातों, मुलाक़ातों, भावनाओं, विचारों, लोगों की कहानी है।
Release date
Audiobook: 9 May 2021
होता तो यह है कि बच्चे जब बड़े हो जाते है तो उनके माँ-बाप उनकी शादी कराते हैं लेकिन इस कहानी में थोड़ा-सा उल्टा है, या यूँ कह लीजिए कि पूरी कहानी ही उल्टी है। राघव अवस्थी के मन में एक बार एक उड़ता हुआ ख़याल आया कि अपनी सिंगल मम्मी के लिए एक बढ़िया-सा टिकाऊ बॉयफ्रेंड या पति खोजा जाए। राघव को यह काम जितना आसान लग रहा था, असल में वह उतना ही मुश्किल निकला। इब्नेबतूती आज की कहानी होते हुए भी एक खोए हुए, ठहरे हुए समय की कहानी है। एक लापता हुए रिश्ते की कहानी है। कुछ सुंदर शब्द कभी किसी शब्दकोश में जगह नहीं बना पाते। कुछ सुंदर लोग किसी कहानी का हिस्सा नहीं हो पाते। कुछ बातें किसी जगह दर्ज नहीं हो पातीं। कुछ रास्ते मंज़िल नहीं हो पाते। इब्नेबतूती-उन सभी अधूरी चीज़ों, चिट्ठियों, बातों, मुलाक़ातों, भावनाओं, विचारों, लोगों की कहानी है।
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Audiobook: 9 May 2021
Step into an infinite world of stories
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Showing 10 of 247
Harsh
20 May 2021
10 October is a refference of "October Junction".No doubt it is another amazing work of Honourable DIVYA PRAKASH DUBEY 💙💜♥️Awesome Narration 💙💜♥️Bhut hi achhi book h, isi tarh likhte rhiye,Aapka narration bhi bhut achha h,.October junction ko narrate karne wali Pooja Panjabi ji ka narration bhi bhut achha h, agr aap dona ka Combo ho to aur maza aa jaye... Thanks for your efforts..!!💙🙏
Sachin
15 Sept 2021
Fantastic story but bad narration.. Divya Prakash ji is reading like a non stop robot..
Shweta
18 May 2021
Beautiful story written and narrated the story maybe very simple and very predictable but the way the author has narrated the relationship between mother and son is beautiful a very good read
Ved
9 May 2021
Good
Nilesh Shashikant
9 May 2021
बहुत ही बढ़िया। ऐसी न जाने कितनी इब्नेबतुती संदूक में पड़ी हुई नम हो रही होंगी। धन्यवाद उन्हें सही इंसाफ देने के लिए।
Sachita
14 Sept 2021
दुबे सर की आवाज का जादू नोवेल को और भी मजेदार बाण देता है
Siddharth
29 Jan 2023
फारच छान👌👍 दिव्य प्रकाश दुबे 🙏👌प्रेम...राजकारण...जगण्याची फिलॉसॉफी सगळंच मिळतं...हसणं..रडणं...इमोशनल करणं...
Almas
13 Dec 2021
It was a very heartwarming and cozy read. DPD has a knack of reaching into the depths of the reader's heart. Loved it.
Chayan
17 Apr 2023
दिव्य प्रकाश दुबे आप को कभी निराश नही करते। हमेशा की तरह दिल को छू लेने वाली साधारण सी दिखने वाली असाधरण कहानी। एक माँ का संघर्ष और उसका अतीत । शब्दो का अद्भुत जादू चलाया लेखक ने अपनी लेखनी ओर आवाज से।
ÁBHISHEK
31 Oct 2021
Nice duby ji
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